असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए ”सैद्धांतिक” रूप से सहमति जताने के साथ ही जापान ने चेतावनी देते हुए कहा कि भारत ने यदि परमाणु परीक्षण किया तो सहयोग की समीक्षा की जाएगी।
नई दिल्ली। असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए ”सैद्धांतिक” रूप से सहमति जताने के साथ ही जापान ने चेतावनी देते हुए कहा कि भारत ने यदि परमाणु परीक्षण किया तो सहयोग की समीक्षा की जाएगी।
यहां जापानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता यासूहिसा कावामुरा ने एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उनसे पूछा गया था कि भारत ने यदि परमाणु परीक्षण किया तो जापान क्या कदम उठाएगा।
आपको बता दें कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं किया है। जापान का किसी ऐसे देश के साथ पहला परमाणु करार होगा, जो परमाणु अप्रसार संधि में शामिल नहीं हुआ है।
कावामुरा ने कहा कि जापान को भरोसा है कि भारत इस तरह का कोई कदम नहीं उठाएगा, जिससे परमाणु परीक्षण की समीक्षा करनी पड़े।
परमाणु ऊर्जा के बाजार में जापान एक बड़ा खिलाड़ी है और जापान का साथ लिए बिना भारत का परमाणु ऊर्जा कायर्क्रम आगे नहीं बढ़ सकता।
कावामुरा ने कहा कि भारत-जापान के बीच परमाणु समझौता, यह गारंटी देगा कि भारत परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल पर जिम्मेदार भरा रवैया अख्तियार करेगा।