अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर किया मंदाकिनी पुरी को महामंडलेश्वर पद से बर्खास्त
श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर उपाधि दिलाने के एवज में साढ़े सात लाख मांगने के मामले में मंगलवार को नया मोड़ आया। महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी ने जहां कीटनाशक गटक लिया, वहीं अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने मन्दाकिनी पुरी को महामंडलेश्वर उपाधि से ही निष्कासित कर दिया। वह बोले- कई संतों से रुपए ऐंठे हैं।
उज्जैन.निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मन्दाकिनी पुरी पर सोमवार देर रात 7.50 लाख रुपए ऐंठने का केस दर्ज होने के बाद मंगलवार सुबह करीब 11 बजे कीटनाशक गटककर जान देने की कोशिश की। वह अस्पताल में भर्ती हैं। इधर, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने मंदाकिनी पुरी को महामंडलेश्वर पद से बर्खास्त व निष्कासित करने की घोषणा की। इस कड़ी एक्शन के पीछे उन्होंने कई कारण बताए। साथ ही अन्य पीडि़तों के सामने आने के बाद पुलिस को शिकायत करने की बात भी कही है।
महंत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज ने मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी पर प्रलोभन देकर उन्हें श्रीपंचायतीनिरंजनीअखाड़े में महामंडलेश्वर उपाधि दिलाने की बात कही थी। इस झांसे में आकर महंत सुरेश्वरानंद ने मंदाकिनी पुरी को 7 लाख 50 हजार रुपए दे दिये थे। जब उपाधि नहीं मिली तो सुरेश्वरानंद ने रुपए वापस मांगे तो मन्दाकिनी पुरी टालमटोल करने लगीं। इस मामले में मंगलवार को दो बड़े घटनाक्रम हुए। मंदाकिनी पुरी ने सभी आरोपों को बेबुनियाद और झूठे बताते हुए कहा कि मेरे खिलाफ उज्जैन में कुछ लोग मिलकर बड़ी साजिश रच रहे हैं। अपनी सफाई देने के कुछ देर बाद मन्दाकिनीअखाडा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पूरी महाराज से मिलने गई लेकिन पूजा में होने के कारण नहीं मिले। इसके बाद मन्दाकिनी ने अपने आश्रम में जाकर कीटनाशक गटक लिया। इससे उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष बोले- कई संतों का पैसा खाया
प्रश्न : क्या मन्दाकिनी पुरी को निष्कासित कर दिया गया है?
रवींद्र पुरी : श्रीपंचायतीनिरंजनीअखाड़े की महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी को महामंडलेश्वर पद से निष्कासित करने की घोषणा करता हूं।
प्रश्न : निष्कासन के पीछे क्या कारण है?
रवींद्र पुरी : पहली बड़ी वजह चीटिंग है। कई संतों से चीटिंग हुई है। कई संतों से पैसे लिए गए हैं। सबसे बड़ी वजह भाजपा के गृहमंत्री का नाम लिया गया है, क्योंकि सरकारी पद भी देने की बात कही गई है, इसलिए ऐसे व्यक्ति को एक सेकंड के लिए भी अखाड़े में रखना उचित नहीं है। इस कारण मैंने आज से महामंडलेश्वर पद से बर्खास्त कर दिया है।
प्रश्न : क्या अखाड़ा परिषद की तरफ से फ्रॉड की शिकायत की जाएगी?
रवींद्र पुरी : अभी मैं यहां उन सभी लोगों को बुला रहा हूं, जिनसे चीटिंग हुई है, जिनसे पैसा लिया गया है। सभी लोग पुलिस को एफआइआर करेंगे।
प्रश्न : आत्महत्या के लिए उकसाने की बात सामने आ रही है? क्या कार्रवाई करेंगे?
रवींद्र पुरी : मैं जानकारी ले रहा हूं, मन्दाकिनी पुरी के साथ और कौन-कौन लोग हैं? क्या कोई राजनीतिज्ञ भी जुड़ा है। जैसे कहा गया कि गौसेवा बोर्ड का अध्यक्ष बना देंगे, यह संतों का काम नहीं। संत पूजा-अर्चना ध्यान, भक्ति के लिए बनते हैं। इसी कारण उन्हें महामंडलेश्वर पद से निष्कासित कर दिया है।
प्रश्न : अब क्या एक्शन लेने वाले हैं?
रवींद्र पुरी : एक्शन लेना बहुत जरूरी है। जहां तक आत्महत्या की बात है, आत्म हत्या क्यों की गई, वह आप भी जानते हैं, मैं भी जानता हूं। आत्महत्या करने वाला जल्द टीक नहीं होता है, लेकिन वह तो स्वस्थ भी हो गई हैं। इस कारण एक्शन लेना बहुत जरूरी है।
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