रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा
अमरीकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि गुस्से और दिल के दौरे के बढ़ते जोखिम के बीच संबंध होता है। इससे पता चलता है कि थोड़े समय का गुस्सा भी हृदय रोग, दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। कोलंबिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ता दाइची शिम्बो ने बताया कि अध्ययन से यह भी पता चलता है कि जिन लोगों का स्वास्थ्य पहले से खराब होता है उनके लिए तीव्र भावनाएं अधिक खतरनाक होती है। यह हॉर्ट अटैक और स्ट्रोक्स की घटनाओं को बढ़ा सकती है।
गुस्से और दिल के बीच में है संबंध
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एंड्रयू स्टेप्टो ने कहा कि रक्त वाहिकाओं के कामकाज पर क्रोध का प्रभाव इस बात से मेल खाता है कि दिल का दौरा कभी-कभी तीव्र भावनाओं से शुरू होता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लोगों के लिए गुस्सा करना बंद करना आसान नहीं है।
280 लोगों को किया शामिल
शोध में 280 व्यस्कों को शामिल किया गया। इन्हें चार हिस्सों में बांटकर आठ मिनट तक गुस्से, उदासी, चिंतित और साधारण घटनाओं को याद करने के लिए कहा गया। इन घटनाओं को याद करने वालों के अलग-अलग रक्त के नमूने लिए गए और ब्लड प्रेशर मापा गया। इसमें पाया गया कि गुस्सा करने वाले समूह के सदस्यों की रक्त वाहिकाओं के फैलने की क्षमता काफी कम हो गई थी। वहीं उदासी, चिंता जैसी घटनाओं को याद करने वाले लोगों की रक्त वाहिकाओं पर कोई असर नहीं पड़ा था। इससे साफ था कि गुस्सा दिल के रोग का जोखिम बढ़ सकता है।