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निफ्ड में रही टॉपर
दीपिका ने पत्रिका को बताया कि उसे शुरू से ही फैशन एण्ड डिजाइनिंग के क्षेत्र में रुचि थी, लेकिन पिता बजरंग व मां कृष्णा खत्री इस क्षेत्र में नहीं भेजना चाहते थे। इस पर उसने बीए में एडमिशन ले लिया, लेकिन पढ़ने में मन नहीं लगा तो कलकत्ता में पढ़ रहे अपने भैया खेमंचद के सामने अपनी बात रखी तो भाई ने माता-पिता को समझाया। इस पर वे राजी हो गए। दीपिका ने प्रवेश परीक्षा पास करके निफ्ड बेंगलूरु में एडमिशन ले लिया और नीटवियर डिजाइन में डिग्री हासिल की। दीपिका ने अपने बैच में टॉप करते हुए मोस्ट क्रिएटिव नीटवियर डिजाइनर का अवार्ड जीता।
हथकरघा को बनाया आधार
फैशन डिजाइनर बनने के बाद आज के दौर में लोग प्रचलित परिधानों को प्रमोट करने में विश्वास रखते हैं, लेकिन दीपिका ने मांगरोल व गुजरात की खादी, सिल्क समेत हाथों से निर्मित शरीर के लिए लाभदायक परिधानों को डिजाइनिंग, कढ़ाई, मुकेश कढ़ाई व लखनऊ खास की चिकनकारी को आधार बनाया और इन्हीं की ब्रांडिंग शुरू की। उन्हें खादी को प्रमोट करते हुए खुशी का अनुभव होता है।
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नेशनल- इंटरनेशनल मंचों पर किया प्रस्तुत
पेरिस व जर्मनी जैसे विभिन्न जगहों पर वह भारतीय खादी, हथकरघा को प्रमोट कर चुकी हैं। जर्मनी में जॉब कर रहे दीपिका के पति रजनीश बताते हैं दीपिका ने कान फिल्म फेस्टिवल में रेड कारपेट पर कैटवॉक कर खादी परिधान को प्रदर्शित किया। अपने शिल्प में नवाचार के कारण वर्ष 2022 में ‘फैशन डिजाइनर मेंटरिंग प्रोग्राम हेसन’ में विजेता बनी। दीपिका को कॉर्नेल विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित व बैंक ऑफ अमरीका से प्रायोजित ऑनलाइन “महिला उद्यमिता कार्यक्रम” के लिए भी चुना गया। भारतीय दूतावास, फ्रैंकफर्ट (जर्मनी) ने दीपिका को सरकार के मासिक न्यूजलेटर में “इंडियन अचीवर्स इन जर्मनी” के रूप में भी प्रकाशित किया है।