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कोलकाता

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बोले, अंतिम हंसी मैं ही हंसूंगा

छेड़छाड़ के आरोप से घिरे राज्यपाल डॉ. सी वी आनंद बोस ने कहा है कि अंतिम हंसी मैं ही हंसूंगा। वे अपने खिलाफ महिला की शिकायत पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। इस बीच भाजपा उम्मीदवार दिलीप घोष ने कहा कि यह टीएमसी की राजनीति है। टीएमसी कितना नीचे गिर गई है कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का अपमान करने लगी है

कोलकाताMay 04, 2024 / 04:25 pm

Rabindra Rai

Governor of West Bengal said, I will have the last laugh

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संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का अपमान कर रही तृणमूल: दिलीप

छेड़छाड़ के आरोप से घिरे राज्यपाल डॉ. सी वी आनंद बोस ने कहा है कि अंतिम हंसी मैं ही हंसूंगा। वे अपने खिलाफ महिला की शिकायत पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। इस बीच भाजपा उम्मीदवार दिलीप घोष ने कहा कि यह टीएमसी की राजनीति है। टीएमसी कितना नीचे गिर गई है कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का अपमान करने लगी है। पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष घोष ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। टीएमसी राष्ट्रपति, पीएम, गृह मंत्री, अब राज्यपाल और यहां तक कि हमारे राज्य में एक महिला न्यायाधीश के पति का भी अपमान करने में व्यस्त है। यह उनकी राजनीति का तरीका है। अब उनके जाने का समय आ गया है। उन्होंने दावा किया कि बंगाल में लोग तृणमूल सरकार से आजादी चाहते हैं।

जो खिलाफ बोलेगा दर्ज किया जाएगा मामला: पॉल

मेदिनीपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि तृणमूल सरकार हर चीज पर कब्जा करना चाहती है। चाहे पुलिस हो या प्रशासन, वे तृणमूल सरकार के नियंत्रण में हैं। लेकिन, न्यायपालिका और राज्यपाल को वे अपने हाथ में नहीं ले सकते हैं। इसलिए जब राज्यपाल उनकी गलत नीतियों और अन्याय के बारे में बात करने लगे तो उन्होंने राज्यपाल के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज करा दिया। और, यह सिर्फ राज्यपाल के खिलाफ नहीं है, राज्य में कोई भी नागरिक जो सरकार के खिलाफ बात करेगा, उसके खिलाफ पुलिस और प्रशासन को काम पर लगाकर शस्त्र अधिनियम, छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया जाएगा।

तृणमूल कांग्रेस ने की जांच की मांग

राजभवन की संविदा कर्मचारी की ओर से छेड़छाड़ का आरोप लगाए जाने के बाद राज्यपाल डॉ. सी वी आनंद बोस ने कहा कि उन्हें लगता है कि उनके खिलाफ ऐसे और भी आरोप लगेंगे। आरोपों को बेतुका नाटक करार देते हुए बोस ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि कोई भी उन्हें भ्रष्टाचार को उजागर करने और हिंसा पर अंकुश लगाने के उनके दृढ़ प्रयासों से नहीं रोक पाएगा। अपने गृह राज्य केरल पहुंचने पर बोस ने आरोप लगाया कि तृणमूल का एक नेता मेरे खिलाफ काम कर रहा है। लेकिन सत्य की जीत होगी। इस मामले में अंतिम हंसी मैं ही हंसूंगा। दूसरी तरफ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि पार्टी की इसमें कोई भूमिका नहीं है। साथ ही तृणमूल ने सच्चाई का पता लगाने के लिए आरोप की निष्पक्ष जांच की मांग की।

एक और भी भयावह साजिश रची

राजभवन की ओर से जारी, रिकॉर्ड किए गए बयान में बोस ने कहा कि मैं कुछ राजनीतिक ताकतों द्वारा मुझ पर लगाए गए सभी आरोपों और लगातार आक्षेपों का स्वागत करता हूं। मैं समझता हूं, मेरे दोस्तों, अभी और भी बहुत कुछ होने वाला है। लेकिन एक बात स्पष्ट है, कोई भी बेतुका नाटक मुझे मेरे दृढ़ प्रयासों से नहीं रोक पाएगा। बोस ने कहा कि राजभवन में एक और भी भयावह साजिश रची गई है। उन्होंने आरोपों का मजाक उड़ाते हुए कहा कि एक दिन उन्हें 1943 में बंगाल के भीषण अकाल तथा 1946 में कोलकाता में हुई हत्याओं के लिए भी दोषी ठहराया जाएगा। यह राज्य में काम कर रही राजनीतिक ताकतों की प्रकृति है।

अपनी लड़ाई जारी रखूंगा: बोस

राज्यपाल बोस ने कहा कि उन्हें बताया गया कि वे बंगाल में कुछ राजनीतिक दलों से क्या उम्मीद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कई तूफानों का सामना किया है। मैं, मेरे खिलाफ साजिश रच रहे उस राजनीतिक दल से कहता हूं कि यह कोई तूफान नहीं है। यह केवल तेज हवा की तरह है। अगर तुम्हें एहसास हो कि मैं तूफ़ान हूं तो आश्चर्यचकित मत होना। अपने शस्त्रागार से सभी हथियार बाहर लाओ। इसे मेरे खिलाफ इस्तेमाल करो। मैं चाहता हूं, मैं तैयार हूं। मैं बंगाल के अपने भाइयों और बहनों के मान-सम्मान के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।

पार्टी का एजेंडा और भूमिका नहीं: मंत्री

तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और उद्योग मंत्री शशि पांजा ने कहा कि इसके पीछे पार्टी का कोई एजेंडा और कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि छेड़छाड़ की कथित घटना चौंकाने वाली है और इस पर विश्वास करना मुश्किल है कि यह राजभवन के अंदर हुआ है। शशि ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि किसी राज्यपाल के खिलाफ इस तरह का आरोप पहले कभी नहीं लगा। इससे निश्चित रूप से राज्यपाल के पद की प्रतिष्ठा कम हुई है। हम मांग करते हैं कि इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह वही राज्यपाल हैं जो संदेशखाली गए थे और वहां की महिलाओं की बात सुनी थी जिन्होंने स्थानीय टीएमसी नेताओं पर यौन उत्पीडऩ के आरोप लगाए थे। अब वही व्यक्ति राजभवन की एक महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए ऐसे आरोप का सामना कर रहा है।

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