पुलिस ने बताया कि पीड़ित के ऑफिस में काम करने वाली महिला शिप्रा गुप्ता तलाकशुदा है। वह बहुत सामान्य परिवार से और वर्तमान के चलने रईस लोगों की तरह शौक रखती है। ऐशो आराम की जिदंगी जीने की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उसने अपने दोस्त मुकेश गुप्ता के साथ योजना बनाते हुए मनजीत सिंह के मार्फत भरत सिंह से सम्पर्क किया और लूट की वारदात को अंजाम दिया। शिप्रा मौके पर मौजूद रहकर आरोपियों को घटनास्थल के बारे में जानकारी देती रही। मुकेश गुप्ता घटनास्थल परिसर के बाहर खड़ा रहकर निगरानी करता रहा। तथा बाद में आरोपी भरत सिंह और उसके साथी लूट की राशि लेकर मौके से फरार हो गए। जिनके साथ मुकेश गुप्ता भी रास्ता दिखाता हुआ स्कूटी से उनके साथ निकल गया।