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Rajasthan News: एनओसी लेकर पहुंचा प्रत्यारोपण के लिए, कमेटी की जांच में मिली फर्जी

Rajasthan News: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी का मरीज, मीटिंग में फर्जी एनओसी पर हस्ताक्षर देखकर पुलिस बुलाई, करवाया मामला दर्ज

जयपुरMay 03, 2024 / 02:11 pm

Rakesh Mishra

Rajasthan News: अंग प्रत्यारोपण की एनओसी जारी करने में गत एक अप्रेल को भ्रष्टाचार का खुलासा होने और उसके बाद बढ़ी सख्ती के बीच गुरुवार को सवाईमानसिंह अस्पताल की राज्य स्तरीय अंग प्रत्यारोपण कमेटी के सामने 12 मार्च को जारी एक और फर्जी एनओसी सामने आई है। मरीज अकील टोंक रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती है। उसका 29 अप्रेल को किडनी प्रत्यारोपण होना था। उसकी मां उसे किडनी डोनेट करने वाली थी। उसके पास पहले से इस कमेटी की ओर से जारी एनओसी भी थी, जो 12 मार्च की थी, लेकिन निजी अस्पताल प्रशासन ने उसे दोबारा एनओसी के लिए एसएमएस की कमेटी के पास भेजा। ऐसे में जब उस मरीज की फाइल मीटिंग में पहुंची तो फर्जी एनओसी पकड़ में आ गई।

अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज

कमेटी के सदस्यों ने बताया कि पहली बार फर्जी एनओसी उनके सामने आई है, अब तक उनके पास फोटोकॉपी ही मिल रही थी। ऐसे में कमेटी सदस्यों ने अज्ञात के खिलाफ पुलिस को रिपोर्ट दी कि उनके फर्जी हस्ताक्षर कर एनओसी जारी की जा रही है।

छह मरीजों ने किया था आवेदन

बताया जा रहा है कि मीटिंग में छह मरीजों ने एनओसी के लिए आवेदन किया था। कमेटी के सदस्य मरीजों की फाइलें खंगाल रहे थे। इसमें उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी निवासी 40 वर्षीय अकील की फाइल में एक एनओसी लगी दिखी, जो एसएमएस अस्पताल से जारी की हुई थी। गहनता से खंगालने में उसमें किए गए कमेटी सदस्यों के हस्ताक्षर फर्जी लगे। इसके बाद उन्होंने एसएमएस पुलिस थाने का सूचना दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फर्जी एनओसी पकड़ में आने के बाद कमेटी सदस्यों ने मरीज से पूछा कि हम छह सदस्यों में से किसी से भी कभी मिले हो या किसी को जानते हो। कभी इस अस्पताल में आए हो। इस पर मरीज ने इनकार करते हुए कहा कि वह यहां कभी नहीं आया। जब उससे फर्जी एनओसी के बारे में पूछा तो, वह कोई जवाब नहीं दे पाया।

कमेटी पे कमेटी बनती रही, नहीं आई तो बस जांच रिपोर्ट…

अंग प्रत्यारोपण के लिए एनओसी जारी करने में सवाईमानसिंह मेडिकल कॉलेज की राज्य स्तरीय कमेटियों की लापरवाही और इसके कारण भ्रष्टाचार पनपने का मामला सामने आने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से गठित कमेटी की रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है। इसी बीच कॉलेज प्रशासन की ओर से नई आंतरिक कमेटी का गठन कर दिया गया है। इसका संयोजक कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ.अनिल शर्मा को बनाया गया है। कमेटी में ईएनटी विभाग के डॉ.मोहनीश ग्रोवर, फोरेंसिक मेडिसिन की डॉ.दीपाली पाठक और डीएलआर सुखदेव सिंह को शामिल किया गया है। गौरतलब है कि एक अप्रेल की देर रात एसीबी की दबिश में पूरे मामले का खुलासा होने के बाद एनओसी जारी करने के लिए गठित एसएमएस मेडिकल कॉलेज की पूर्व और मौजूदा राज्य स्तरीय कमेटी की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि दोनों ही कमेटियों का दावा है कि बिना मीटिंग हुए एनओसी पर उनके फर्जी साइन किए गए।

सीनियर की जांच करेंगे जूनियर!

आंतरिक कमेटी में सीनियर प्रोफेसर के अलावा कुछ अन्य चिकित्सक भी शामिल किए गए हैं। जबकि पूरा मामला मेडिकल कॉलेज की उच्च स्तरीय कमेटियों की भूमिका से जुड़ा है। इसमें प्राचार्य और अधीक्षक भी शामिल हैं। विभागीय स्तर पर पहले से उच्च स्तरीय जांच चलने और जूनियर चिकित्सकों को सीनियर चिकित्सकों की भूमिका की जांच सौंपने को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

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