फोर्स के निशाने पर अबूझमाड़ के बड़े नक्सल लीडर
बस्तर में अब नक्सलियों के लिए कोई सेफ जोन नहीं बचा है। एक तरफ फोर्स हिड़मा के गढ़ पूवर्ती तक पहुंच चुकी है तो दूसरी ओर अबूझमाड़ के इरकभट्टी में तीन कैंप स्थापित कर नक्सलियों को उनके कोर इलाके से खदेड़ा है। पिछली चार मुठभेड़ में फोर्स नक्सलियों के कोर इलाके में पहुंची है। इससे नक्सली जहां बैकफुट में हैं तो वहीं फोर्स का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है। लगातार जारी मुठभेड़ की वजह से नक्सलियों को अपनी रणनीति बनाने वक्त नहीं मिल पा रहा है।
फोर्स के मुताबिक अबूझमाड़ में नक्सलियों का पोलित ब्यूरो मेंबर और जनरल सेक्रेटरी बसवा राजू, पोलित ब्यूरो मेंबर वेणु गोपाल उर्फ सोनू, सीसी मेंबर चंद्रन्ना रेड्डी समेत नक्सलियों के कई बड़े लीडर के मौजूद होने की सूचना मिलती रहती है। बसवा राजू और वेणु गोपाल पर 1-1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित है। जबकि चंद्रन्ना रेड्डी 60 लाख रुपए का इनामी नक्सली है। अब यह बड़े नक्सल लीडर इस ऑपरेशन के तहत फोर्स के निशाने पर हैं।
पहले 5200 वर्गमीटर में फैले माड़ को समझा फिर ट्रेंड कमांडोज को उतारा
फोर्स ने पहले 5200 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले अबूझमाड़ को समझा है। इस पर करीब महीनेभर तक काम किया गया है। एक स्ट्रेटजी तैयार की गई और फिर इसके बाद माड़ में 500 से ज्यादा ट्रेंड कमांडोज को उतारा गया। जब 10 नक्सलियों को ढेर किया गया तो इसी आधार पर ऑपरेशन लॉंच किया गया। नक्सलियों के हेडक्वार्टर कहे जाने वाले अबूझमाड़ को अब इसी रणनीति के तहत घेरा जाएगा।
बस्तर से नक्सलवाद का जल्द छंटेगा अंधेरा: आईजी
बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने पत्रिका से कहा कि सूर्य शक्ति से अब बस्तर में नक्सलवाद का अंधेरा छंटेगा। हम बड़े बदलाव की ओर बढ़ रहे हैं। नक्सलियों के कोर इलाके में अब फोर्स पहुंच चुकी है। पिछले एक साल में हमने बस्तर में जितने भी कैंप शुरू किए वह नक्सलियों के प्रभाव क्षेत्र में ही थे। ऑपरेशन सूर्य शक्ति की शुरुआत से माड़ समेत बस्तर के बाकी हिस्सों में फोर्स को और बड़ी सफलताएं मिलेंगी। बस्तर में तैनात डीआरजी और एसटीएफ के जवानों को 500-500 के बैच में जंगलवार कॉलेज कांकेर में विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। बताया जा रहा है कि उन्हें आंध्र के ग्रेहांउड्स के एक्सपर्ट नक्सलियों के निपटने की कारगण रणनीति बता रहे हैं। बताया जा रहा है कि नारायणपुर में पिछले दिनों जो मुठभेड़ हुई उसमें ग्रेहाउंड्स की ही तकनीक को अपनाया गया था। एंबुश लगाने से लेकर मुठभेड में किस तरह से नक्सलियों को घेरना है इसकी ट्रेनिंग ग्रेहाउंड्स ने दी थी।