जबलपुर. महज 13 महीने के बच्चे को कोर्ट परिसर में फेंकने के मां के कृत्य को हाईकोर्ट ने हत्या के प्रयास के समान मानते हुए दर्ज एफआइआर को रद्द करने से इनकार कर दिया। इसी के साथ कोर्ट एफआइआर रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने कहा ऐसा कृत्य हत्या के प्रयास के समान मामला शहडोल जिले का है। याचिकाकर्ता महिला का पति से विवाद का प्रकरण ब्यौहारी मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा है। महिला पर आरोप है कि उसने कोर्ट के भीतर अपने 13 माह के बच्चे को जमीन पर फेंक दिया और पेपरवेट उसकी तरफ उछाला। इस घटना पर महिला के खिलाफ ब्यौहारी थाने में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। इसे रद्द करने की मांग को लेकर उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की एकलपीठ रिकॉर्ड देखने के बाद घटना पर आश्चर्य जताया।
कोर्ट ने माना कि यह उसके अपने बच्चे की ‘हत्या के प्रयास’ के समान है। अदालत ने मां के आचरण को भी स्थिति को खराब करने के लिए पर्याप्त बताया, जिसने बाद में बच्चे के सिर की ओर पेपरवेट फेंक दिया। हाईकोर्ट ने आसपास की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने से इनकार कर दिया और एफआइआर को रद्द न करना उचित समझा।
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