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जबलपुर

मप्र की इस यूनिवर्सिटी में दीमक खा गई ₹10 लाख की किताबें और रिसर्च पेपर

मप्र की इस यूनिवर्सिटी में दीमक खा गई ₹10 लाख की किताबें और रिसर्च पेपर

जबलपुरMay 09, 2024 / 01:12 pm

Lalit kostha

Termites ate books

Termites ate books

जबलपुर. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में व्यवस्थाएं सुधरने के बजाय बिगड़ती जा रही हैं। इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। विश्वविद्यालय की द्वारिका प्रसाद मिश्र केंद्रीय लाइब्रेरी में पुस्तकों की देखभाल नहीं होने से करीब 10 लाख रुपए कीमत की पुस्तकों में दीमक लग गई है। छात्रों की वर्षों की मेहनत से तैयार किए गए शोध ग्रंथ, रिसर्च पेपर को भी दीमक चट कर रहे हैं। इसमें करीब एक सैकड़ा से अधिक शोध पत्र व अन्य सामग्री भी शामिल हैं।

University द्वारका प्रसाद मिश्र केंद्रीय लाइब्रेरी का हाल-बेहाल

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यूजीसी से भी मिलती है राशि
शिक्षण विभागों की अन्य सामग्रियों को भी जोड़ लिया जाए तो करीब 20 से 25 लाख रुपए की चपत हाल ही के वर्षों में दीमक के चलते विवि को अब तक लग चुकी है। जबकि लाइब्रेरी को सुव्यवस्थित रखने के लिए यूजीसी से अच्छी खासी रकम मिलती है। इसके बावजूद न तो लाइब्रेरी की सफाई होती है और न ही उनके जिल्द बले जाते हैं।
डेढ लाख किताबें लाइब्रेरी में

विश्वविद्यालय में द्वारका प्रसाद मिश्र केंद्रीय ग्रंथालय का निर्माण वर्ष 1956 में हुआ था। यहां डेढ लाख से अधिक किताबों का संग्रह है। इसमें कई संदर्भ ग्रंथ, प्राचीन किताबें, भारतीय इतिहास, साइंस बुक, जनरल, रिसर्च पेपर, विभिन्न विषयों के शब्दकोश, शासन के गजट आदि शामिल हैं।
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कैश बुक, रसीद भी सुरक्षित नहीं
द्वारिका प्रसाद मिश्र केंद्रीय लाइब्रेरी की तरह ही अन्य शिक्षण विभाग की लाइब्रेरी का भी यही हाल है। रसीद बुक, परीक्षा सामग्री, आवश्यक फाइल, कैश बुक तक दीमक के कारण खराब हो चुकी है। बायोसाइंस विभाग, हिस्ट्री, भूगोल आदि विभागों के फर्नीचर और दरवाजों को दीमक चट कर चुके हैं। विभाग प्रमुख सामग्री को बचाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं, इसके बावजूद हालात जस के तस हैं।
18 कर्मियों की तैनाती, छह कर रहे काम
लाइब्रेरी के व्यवस्थित संचालन के लिए 18 कर्मचारियों की तैनाती की गई है, लेकिन केवल 6 कर्मचारी ही यहां पदस्थ हैँ। अन्य कर्मचारी अधिकारियों से मिलीभगत कर दूसरे विभागों में सेवाएं दे रहे हैं। इससे साफ-सफाई जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के प्रयास कर रहे हैं। लाइब्रेरी की किताबें खराब होने के सम्बंध में विभागों से जानकारी लेंगे। यदि कहीं वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद भी काम नहीं हो रहा है तो आवश्यक कार्यवाही करेंगे।
प्रो. राजेश वर्मा, कुलपति रादुविवि

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