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इंदौर

पुलिस की ‘संजीवनी’ बनी हर मर्ज की दवा, 6 माह में बचाई 29 जानें 

24 घंटे मदद पहुंचाने वाली हेल्पलाइन अपने निश्चित  के साथ कई मोर्चों पर शहरवासियों की मदद कर रही है। 

इंदौरAug 02, 2017 / 03:05 pm

Shruti Agrawal

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इंदौर. तनवापूर्ण जीवनशैली के बीच नैराश्य में पहुंचे लोगों की मदद को पुलिस द्वारा शुरू की संजीवनी हेल्पलाइन हर मर्ज की दवा बनते जा रही है। 24 घंटे मदद पहुंचाने वाली हेल्पलाइन अपने निश्चित के साथ कई मोर्चों पर शहरवासियों की मदद कर रही है। जनवरी से जुलाई तक सात महीने में 513 फोन कॉल पहुंचे, जिनमें सर्वाधिक काउंसलिंग के रहे। डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्रा की पहल पर पुलिस ने संजीवनी हेल्पलाइन शुरू की। 

डीआईजी जबलपुर में भी हेल्पलाइन शुरू कर चुके हैं। इसके जरिए इंदौर में आत्महत्या की मनोवृत्ति में पहुंचे 29 लोगों को नया जीवन दिया गया। हेल्पलाइन पर 8-8 घंटे की शिफ्ट में तीन पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं। फोन पर समझाने के बाद पीडि़त की विशेषज्ञ से काउंसलिंग कराते हैं।

हेल्पलाइन पर आत्महत्या की स्थिति में पहुंचे लोग मदद मांगने के साथ पारिवारिक परेशानी, पैसों की लेन-देन, काउंसलिंग, प्रॉपर्टी विवाद, मोबाइम गुमने, जॉब संबंधी, फेसबुक-सोशल मीडिया के साथ अन्य परेशानियां साझा कर रहे हैं। हालांकि शुरुआत दौर यानी जनवरी में सर्वाधिक शिकायत मिली, जबकि दूसरे महीने में आधी हो गई और इसके बाद शिकायत की संख्या औसतन प्रतिदिन 1 या 2 ही रही हैं।


&हत्या और दुर्घटना में हुई मौत के बाद सबसे ज्यादा मामले आत्महत्या के रहते हैं। युवा वर्ग निराश होकर विपरीत कदम उठा लेता है। सामाजिक सरोकार के लिए पुलिस ने हेल्पलाइन शुरू की है।
 -हरिनारायणाचारी मिश्रा, डीआईजी

इस तरह आई शिकायत
विषय जनवरी फरवरी मार्च अप्रैल मई जून जुलाई कुल
पारिवारिक 45 16 13 21 10 05 03 113
पैसों की लेन-देन 25 11 06 04 06 01 01 54
काउंसलिंग 89 30 06 10 07 06 07 155
प्रॉपर्टी विवाद 17 01 02 00 02 00 00 22
मोबाइल गुम 02 04 03 05 03 05 13 35
आत्महत्या का प्रयास 06 07 04 06 01 02 03 29
जॉब संबंधी 08 06 01 03 01 04 04 27
फेसबुक 01 00 00 00 00 00 00 01
अन्य 27 21 12 11 04 00 01 76
कुल 220 96 47 60 34 24 32 513 

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