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हुबली

समय रहते उपाय जरूरी, लोगों को शिक्षित एवं जागरूक करें

टिप्पणी

हुबलीMay 09, 2024 / 05:23 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

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हाल ही हुई बारिश के बाद कर्नाटक के उडुपी जिले में डेंगू बुखार के मामलों में बढ़ोतरी चिंताजनक है। इस साल जनवरी से अब तक उडुपी में डेंगू के 47 मामले सामने आ चुके हैं। पिछले साल कुल मामलों की संख्या 635 थी। गत वर्ष अक्टूबर में उडुपी शहर के इलाकों में डेंगू के मामलों में वृद्धि को देखते हुए मच्छरों की आबादी को नियंत्रित करने के प्रयास किए गए थे। इस वर्ष भी डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए प्रयास चल रहे हैं लेकिन ये नाकाफी है। डेंगू का तेजी से प्रसार होना गंभीर समस्या है। मच्छर जनित वायरस से प्रसारित होने वाले इस रोग के लक्षणों में बुखार, जोड़ों में दर्द, चक्कर आना, उल्टी आदि की समस्याएं हो सकती हैं। गंभीर मामलों में डेंगू से मौत भी हो सकती है। डेंगू वायरस मच्छरों के काटने से फैलता है। इसलिए मच्छरों के खिलाफ नियंत्रण कार्यक्रम अपनाना महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से उडुपी जिले में प्रवासी श्रमिक आवास इकाइयों की उपस्थिति के कारण अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता है। प्रवासी मजदूरों को डेंगू बुखार के लिए उच्च जोखिम वाला समूह माना जाता है। खासकर जब बारिश का मौसम नजदीक होता है तब स्वच्छ परिवेश बनाए रखने और पानी को जमा होने से रोकने के महत्व पर जोर दिया जाना चाहिए।
डेंगू मौसमी बीमारी है जो मौसम के परिवर्तन के साथ बढ़ सकती है। वर्षा के मौसम में डेंगू मच्छरों की वृद्धि होती है। इस मौसम में पानी जमने से मच्छरों का प्रचुरता से बढना स्वाभाविक है। यह मच्छर डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के कारक हो सकते हैं। मौसम में बदलाव, अधिक ठंड के साथ बारिश और जल जमाव इसके कारण हो सकते हैं। लार्वा आमतौर पर अप्रयुक्त मीठे पानी, एयर कूलर और बेकार पड़े टायरों में पाए जाते हैं। इन प्रजनन स्थलों का शीघ्र पता लगाना और उन्हें खत्म करना महत्वपूर्ण है। शहरी क्षेत्रों में लार्वा संक्रमण अधिक होने की संभावना रहती है। इन जगहों पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए। डेंगू मच्छरों का जमे पानी में बढऩे की स्थिति को कम करने के लिए सड़कों और घरों की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। समुदाय व कॉलोनियों में साफ-सफाई का पालन करें। पानी के जमाव को रोकें और जल-जमाव के बारे में सकारात्मक कदम उठाएं। डेंगू मच्छरों के बढऩे के खतरे कम करने के लिए प्रतिबंधित क्षेत्रों का निर्धारण करना चाहिए। मरीजों का उपचार समय पर करना बहुत जरूरी है। डेंगू के संभावित लक्षणों के साथ-साथ उन्हें जांच कराना महत्वपूर्ण है। सार्वजनिक स्थानों पर मच्छर नियंत्रण के उपायों को लागू करना चाहिए। सही जानकारी और जागरूकता के माध्यम से लोग खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
सरकार को सही नीतियां बनाने एवं कानूनी प्रावधान करने के साथ-साथ सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उन्हे स्थानीय स्तर पर समुदायों के साथ सहयोग करना चाहिए, ताकि स्थानीय समस्याओं का समाधान किया जा सके। लोग अपने घरों और आस-पास के क्षेत्रों को साफ-सुथरा रखकर और मच्छर नियंत्रण के उपायों का पालन करके डेंगू जैसी बीमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं। सरकार को जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में उपायों को बढ़ावा देना चाहिए। लोगों को डेंगू के बारे में शिक्षित एवं जागरूक करें। उन्हें बीमारी के लक्षणों और बचाव के उपायों के बारे में जानकारी प्रदान करें। सार्वजनिक स्वास्थ्य शिविर, डेंगू जांच अभियान और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा सकते हैं। इन उपायों को संयुक्त रूप से अपनाकर प्रदेश में डेंगू के मामलों को कम किया जा सकता है।

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