बलात्कार हो या अन्य कोई मेडिकल, चिकित्सकों से पुलिस तक को परेशान होना पड़ता है। पिछले दिनों एक सामूहिक बलात्कार के मामले में जेएलएन अस्पताल की वरिष्ठ चिकित्सक भी काफी टालमटौल के बाद वहां पहुंची। कई मामलों में बलात्कार पीडि़ता के मेडिकल में कुछ चिकित्सकों की लापरवाही से चार-छह घंटे तक लगते हैं। ऐसे कई मामलों में चिकित्सकों की लापरवाही/देरी भी लोगों को परेशान करती है।
ऐसे मामलों में सूचना मिलने के बाद जल्द से जल्द संबंधित चिकित्सक को अस्पताल पहुंचकर पोस्टमार्टम करना चाहिए। इस तरह की लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों पर कार्रवाई की जाएगी। मोर्चरी संबंधी अन्य कमियां भी जल्द से जल्द दूर करेंगे।
डॉ राकेश कुमावत, सीएमएचओ नागौर
रोल थाना इलाके का मामला था, हादसे में युवक की मौत हो गई थी। शव यहां रखवाया, संबंधित चिकित्सक ने आकर पोस्टमार्टम किया। कई बार इसे लेकर गंभीरता नहीं बरतने पर परेशानी होती है। सीएमएचओ को पहले ही इस बाबत सूचित कर दिया गया।
डॉ महेश पंवार, पीएमओ, जेएलएन अस्पताल नागौर
इस संबंध में पहले से ही आदेश है कि संबंधित अस्पताल के चिकित्सक आकर पोस्टमार्टम करें। कई अस्पताल में मोर्चरी नहीं है तो उसके चलते शव यहां भेजे जाते हैं। जनवरी से अब तक बाहर से आए 22 शव का पोस्टमार्टम तक हमारी टीम ने किया। बाहर से चिकित्सक आए ही नहीं।
डॉ शिवलाल मेहरा, मेडिकल ज्यूरिस्ट जेएलएन नागौर