FSSAI ने बताया कि अलग-अलग खाने के पदार्थों के लिए अलग-अलग मात्रा में कीटनाशक रखने की अनुमति होती है. यह मात्रा उस खाने के पदार्थ पर होने वाले जोखिम के आधार पर तय की जाती है.
हांगकांग के खाद्य नियामकों ने दो भारतीय ब्रांड्स MDH और Everest के कुछ मसाला को प्रतिबंधित कर दिया था
आपको बता दें कि हाल ही में हांगकांग के खाद्य नियामकों ने दो भारतीय ब्रांड्स MDH और Everest के कुछ मसाला मिश्रणों को प्रतिबंधित कर दिया था. इन मसालों में ईथिलीन ऑक्साइड नामक कीटनाशक पाया गया था. यह भी पढ़ें – फेमस ब्रांड्स MDH और Everest की मसालों में मिला कैंसरकारी पदार्थ , इन मसालों को वापस लेने के आदेश भारत में कीटनाशकों को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति द्वारा नियंत्रित किया जाता है. यह संगठन 1968 के कीटनाशक अधिनियम के तहत बनाया गया था. यह बोर्ड कीटनाशकों के निर्माण, आयात, परिवहन और भंडारण के साथ-साथ उनके पंजीकरण, प्रतिबंध या रोक लगाने का काम करता है.
FSSAI का कीटनाशक अवशेषों पर वैज्ञानिक पैनल इस समिति के साथ मिलकर काम करता है. यह पैनल आंकड़ों का व्यापक मूल्यांकन करके उचित मात्रा में कीटनाशक रखने की सिफारिश करता है. अब तक समिति ने 295 से अधिक कीटनाशकों को पंजीकृत किया है, जिनमें से 139 खासतौर पर मसालों में इस्तेमाल के लिए मंजूर हैं.