12-दिवसीय वार्षिक चित्तिरै ब्रह्मोत्सवममदुरै में चल रहे 12-दिवसीय वार्षिक चित्तिरै ब्रह्मोत्सवम के एक हिस्से के रूप में यह दिव्य विवाह आयोजित किया गया। इस दिव्य विवाह के बाद काफी संख्या में महिला श्रद्धालु अपने मंगलसूत्रों को बदलती हैं। दिव्य विवाह के बाद देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर को सार्वजनिक दर्शन के लिए थिरुक्कल्याणम मंडपम में रखा गया और फिर चांदी के हाथी पर भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर की मूर्तियों को सार्वजनिक दर्शन के लिए क्रमश: एक पालकी और एक चांदी के हाथी पर एक भव्य जुलूस में “थिरुक्कल्याण मंडपम” तक ले जाया गया।देश-विदेश से आए मेहमानइस कार्यक्रम को देखने के लिए देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों से हजारों भक्त मंदिर में एकत्र हुए। भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर के चारों ओर आदि, चित्तिरै और अवनी सड़कों पर रखी गई बड़ी एलईडी स्क्रीन के माध्यम से पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया।