scriptSuccess Mantra: श्रेया झा बनी ICSE 10वीं कक्षा की स्टेट टॉपर, कहा- मां के सपोर्ट के बिना संभव नहीं था | Shreya Jha Topper From Bihar Share Success Mantra, CISCE Board Result 2024, 10th board icse result, Mothers Day | Patrika News
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Success Mantra: श्रेया झा बनी ICSE 10वीं कक्षा की स्टेट टॉपर, कहा- मां के सपोर्ट के बिना संभव नहीं था

Success Mantra: श्रेया का मानना है कि 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए सोशल मीडिया एक घातक चीज है। उन्होंने कहा कि यह उम्र बहुत छोटी होती है और किसी एक चीज पर फोकस करने के लिए सोशल मीडिया से दूर रहना चाहिए।

नई दिल्लीMay 07, 2024 / 06:41 pm

Shambhavi Shivani

Shreya Jha Success Mantra
10th Board ICSE Result 2024: इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने 10वीं और 12वीं कक्षा के नतीजे जारी कर दिए हैं। 12वीं में कुल 98.19 प्रतिशत छात्र और दसवीं में कुल 99.47 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। वहीं 10वीं कक्षा की स्टेट टॉपर (बिहार) श्रेया झा ने 99.6 प्रतिशत हासिल करके अपने और अपने परिवार का नाम रोशन किया। 

माता-पिता हैं पेशे से डॉक्टर 

श्रेया झा बिहार की राजधानी पटना (Shreya Jha, Patna) की रहने वाली हैं। श्रेया के पिता डॉ. नवीन कुमार और माता डॉ. सोमा ठाकुर दोनों ही पेशे से मेडिकल क्षेत्र में हैं। अपने व्यस्त दिनचर्या के बाद भी उन्होंने हमेशा अपनी बेटी के लिए समय निकाला है। श्रेया की पढ़ाई पटना स्थित बांकीपुर के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट हाई स्कूल (St. Joseph’s Convent High School) से हुई है। 

मैं पढ़ाई के दौरान ब्रेक लेती थी- श्रेया झा (Success Mantra) 

श्रेया ने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में कहा, “तैयारी के दौरान मेरी कोशिश यही रहती थी कि मैं फोकस के साथ पढूं। मैं एक लगातार बहुत देर तक नहीं पढ़ती थी, दो से तीन घंटे पर एक ब्रेक लेती थी। ब्रेक के दौरान मैं दोस्तों से बात करती थी, कभी टीवी देखती थी और कभी-कभी ड्रॉइंग भी करती थी। हालांकि, सबकी अपनी स्ट्रैटजी और सक्सेस मंत्र (Success Mantra) होते हैं। आप अपनी स्ट्रैटजी खुद बनाएं लेकिन टाइम मैनेजमेंट (Time Management Tips For Exams) बेहद जरूरी है।” 
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श्रेया ने शेयर किया सक्सेस मंत्र (Shreya Success Mantra) 

  • सभी टॉपिक के लिए टाइम बांध दें और हर टॉपिक को अच्छे से कवर करें 
  • प्रत्येक टॉपिक से खुद का एक मिनी टेस्ट ले लें ताकि आप ये समझ पाएं कि आपके दिमाग ने उस टॉपिक को कितने हद तक कवर कर लिया है 
  • हर 2-3 घंटे की पढ़ाई पर एक छोटा सा ब्रेक ले सकते हैं 
  • अपने मनोरंजन की चीजों को भी टाइम देना जरूरी है

फ्री टाइम मोटिवेशनल किताबें पढ़ना पसंद है(Motivational Books) 

श्रेया (Shreya Jha Topper) ने बताया कि उन्हें रीडिंग का शौक है। वे पढ़ाई के बाद भी कई सारे किताबें पढ़ती हैं। उनकी खास दिलचस्पी फिक्शनल किताबों में है। वे मोटिवेशनल किताबें (Motivational Books) भी पढ़ती हैं। साथ ही आर्ट एंड क्राफ्ट में भी उनकी रूचि है। उन्होंने हमसे बातचीत में कहा, “किसी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को मोटिवेशनल चीजें पढ़नी चाहिए। मैं अपनी ओर से उन्हें ‘पॉवर ऑफ नाउ’ किताब पढ़ने की सलाह दूंगी।” 
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सोशल मीडिया से दूरी है जरूरी (Say No to Social Media)

श्रेया का मानना है कि 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए सोशल मीडिया (Social Media) एक घातक चीज है। उन्होंने कहा कि यह उम्र बहुत छोटी होती है और किसी एक चीज पर फोकस करने के लिए सोशल मीडिया से दूर रहना चाहिए। श्रेया आगे कहती हैं, “मैंने अभी तक कोई सोशल मीडिया अकाउंट नहीं बनाया है और माता-पिता का भी यही मानना है कि एक उम्र तक आपको सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखना चाहिए। खासकर जब तक आपका करियर तय न हो जाए।” 
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सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को दिया 

श्रेया ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया। कहा कि उनके पिता हमेशा उन्हें पढ़ने के लिए मोटिवेट करते थे। उन्होंने कभी मुझे स्ट्रेस नहीं लेने दिया। जब मेरा पहला पेपर था तो मैं बहुत डर गई थी लेकिन मेरे माता-पिता ने मुझे हिम्मत दी। वहीं मेरी मां एक कामकाजी महिला हैं। उनके पास कई बार खुद के लिए भी समय नहीं होता था। लेकिन वो अपनी छोटी-छोटी चीजों का त्याग करके मेरे लिए समय निकाला करती थीं।
Shreya Jha
श्रेया ने बताया कि उनकी मां हर काम करने से पहले सोचती थीं कि उस चीज का उनकी पढ़ाई पर क्या असर पड़ेगा। हालांकि, इसके बदले उन्होंने कभी कुछ चाहा नहीं। जब रिजल्ट आने वाला था तब मेरी मां ने मुझसे कहा कि तुम बेफ्रिक होकर रिजल्ट देखो, परिणाम जैसा भी हो हम तुम्हारे साथ हैं। श्रेया आगे कहती हैं, “मदर्स डे (Mothers Day 2024) करीब है और मैं यही कहना चाहूंगी कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसी मां मिली है। हर बच्चे को माता-पिता से इस तरह का सपोर्ट नहीं मिल पाता। मैं उम्मीद करती हूं कि भविष्य में अपनी मेहनत से मां को कुछ दे पाऊं।”
वहीं उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों को भी दिया। कहा कि माता-पिता के अलावा शिक्षकों ने भी उनका बहुत साथ दिया। कहा, “मैं ये जानती थी कि मेरा रिजल्ट अच्छा होगा पर इतने अच्छे रैंक के लिए मैं अपने टीचर्स को धन्यवाद करना चाहूंगी। उन्होंने मेरी बहुत मदद की है। मुझे ज्यादा-से-ज्यादा अंक लाने के लिए प्रेरित किया। उनके मार्गदर्शन के बिना ये कभी संभव नहीं था।” 

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