छानबीन में असलियत आई सामने
इस मामले में पुलिस की जांच में पता चला कि कन्याकुमारी की विनिशा टी. नगर के निजी अस्पताल में काम करती है और साउथ बोग रोड में स्टाफ क्वार्टर में रहती है। वह आइटी कंपनी के एक युवक के साथ प्रेम प्रसंग में थी और गर्भवती हो गई। उसने अपने सहकर्मियों से गर्भावस्था की बात छिपाई थी। बताया गया है कि उस युवक ने कुछ दिनों पहले ही विनिशा से संबंध तोड़ दिए है। गर्भ ठहरने का पता चलने के बाद कथित रूप से विनिशा ने गर्भपात का भी प्रयास किया लेकिन विफल रही।
नवजात के काटे पैर, शौचालय में बहाया
सूत्रों ने बताया कि तीस अप्रेल को सात महीने की गर्भवती विनिशा ने टी नगर में अपने छात्रावास के शौचालय में एक बच्ची को जन्म दिया और कथित तौर पर नवजात के पैर काट दिए। चीख सुनकर उसके हॉस्टल के साथी ने दोनों को बचाया और अस्पताल ले गए, जहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। उस वक्त ने विनिशा ने स्वयं ही प्रसव करने और बच्ची मृत पैदा होने का बयान दिया था। उसने बताया कि खुद को शौचालय में बंद कर एपीसीओटॉमी प्रक्रिया कर उसने बच्चे को जन्म देने की कोशिश की। हालांकि, इस प्रक्रिया में, उसने बच्चे के पैर काट दिए। बच्चे के एक पैर को शौचालय में बहा दिया और किसी तरह उसे बाहर निकाला।
शिशु बाल्टी में, नर्स खून से सनी
दर्द से कराह रही विनिशा की आवाज सुनकर वहां पहुंचे, हॉस्टल के अन्य रूममेट ने उसे खून से लथपथ और नवजात को बाल्टी में पड़ा हुआ पाया। बच्चे का एक पैर बाथरूम के फर्श पर था। उसने छात्रावास में अन्य लोगों को सचेत किया और दोनों को अस्पताल ले गई, जहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। नर्स का बयान था कि शिशु मृत पैदा हुआ है। पुलिस को सूचना के बाद एक टीम ने बच्चे का शव बरामद किया और उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “बच्चे को जन्म देने से एक दिन पहले, उसने अपने सहकर्मियों से चक्कर आने और पीठ दर्द की शिकायत की थी। उन्होंने उसे दवाएं दी थीं, लेकिन उन्हें संदेह नहीं था कि वह गर्भवती है।”
हत्या की धारा लगाई
माम्बलम पुलिस ने आइपीसी की धारा 315 (बच्चे को जीवित पैदा होने से रोकने या जन्म के बाद उसे मारने के इरादे से किया गया कार्य) और धारा 201 (किसी अपराध के सबूत गायब करना या गलत जानकारी देना) के तहत विनिशा पर मामला दर्ज किया था। पोस्टमॉर्टम नतीजों के बाद, माम्बलम पुलिस ने विनिशा पर आइपीसी की धारा 302 (हत्या) लगा दी और उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।