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होम लोन पर मिले 5 लाख तक की टैक्‍स छूट, जीएसटी लगे 5 फीसदी: राकेश यादव

रियल्‍टी सेक्टर को उम्‍मीद है कि इस बजट में उसे कई तरह की रियायतें मिलेंगी।

Jan 29, 2018 / 04:54 pm

आलोक कुमार

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नई दि‍ल्ली. आम बजट पेश होने में अब सिर्फ दो दिन बचे हैं। आम आदमी से लेकर उद्योग जगत को आगामी आम बजट से बहुत ज्‍यादा उम्मीदें है, क्‍योंकि मोदी सरकार का यह पूर्ण आखिरी बजट है। पिछले कई सालों से रियल एस्‍टेट सेक्‍टर सुस्ती की चपेट में है। ऐसे में रियल्‍टी सेक्टर को उम्‍मीद है कि इस बजट में उसे कई तरह की रियायतें मिलेंगी। रियल्टी सेक्टर की उम्मीदों को लेकर पत्रिका के आलोक सिंह ने अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप के सीएमडी राकेश यादव से बातचीत की और उम्मीदों को जाना। पेशा है बातचीत के मुख्‍य अंश…


Q. एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से रियल्टी सेक्टर की क्‍या मांग है?

A. देखिए, भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में रियल्टी सेक्टर का बहुत बड़ा योगदान है। मौजूदा जीडीपी में रियल्टी सेक्टर करीब 10 फीसदी का योगदान दे रहा है, लेकिन नोटबंदी और जीएसटी का इस सेक्‍टर पर बहुत ही बुरा असर हुआ है। सरकार को इस बजट में रियल्टी सेक्टर को पटरी पर लाने के लिए कई कदम उठाने होंगे। इनमें सबसे पपहले अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करना चाहिए। टैक्‍स घटने का फायदा डेवलपर्स के साथ होम बायर्स को भी मिलेगा। इसके साथ ही रियल्‍टी सेक्‍टर को इंडस्‍ट्री का दर्जा और सिंगल विंडो सिस्‍टम की सौगात देनी चाहिए।
Q. घर खरीदार के लिए बजट में क्‍या घोषणाएं होनी चाहिए, जिससे उनको राहत मिले?
A. बजट में घर खरीदारों के लिए सबसे पहले होम लोन पर टैक्‍स छूट की सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक करना चाहिए। ऐसा करने से आम लोगों घर खरीदने के लिए उत्‍सा‍हित होंगे। 2004 से अब तक होम लोन पर टैक्‍स की छूट सीमा 2 लाख रुपए है, जबकि महंगाई कई गुनी बढ़ चुकी है। ऐसे मे वित्त मंत्री को इस बजट में होम लोन पर मिलने वाले टैक्‍स छूट की सीमा को बढ़ा कर 5 लाख कर देना चाहिए। इसके साथ ही पहली दफा घर खरीदने वालों को आय कर में अतिरिक्त राहत बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर देना चाहिए।

Q. प्रॉपर्टी की कीमत ज्‍यादा होने से लोग घर नहीं खरीदार पा रहे हैं। कीमत कम हो इसके लिए क्‍या कदम उठाने चाहिए?
A. प्रॉपर्टी की कीमतें कम करना किसी भी डेवलपर के हाथ में नहीं है। ऐसा इसलिए कि प्रोजेक्‍ट बनाने में सबसे अहम रोल लैंड और रॉमेटेरियल का होता है। इनकी कीमत साल दर साल बढ़ रही है। इसके चलते प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ी हैं। जहां, तक कीमत करने की बात है तो सरकार को सबसे पहले रियल्टी सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दे देना चाहिए। इससे यह फायदा मिलेगा कि डेवलपर को बैंक से सस्ते दर पर लोन मिलेगा। सस्ते दर पर लोन मिलने से कंस्ट्रक्शन लागत कम होगी। इससे कीमत कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही सस्ते दर पर जमीन की उपलब्ध्ता करना चाहिए।
Q. हाउसिंग फॉर ऑल को सफल बनाने के लिए बजट में क्‍या करने की जरूरत है?
A. मोदी सरकार 2022 तक देश के सभी परिवार को घर देने का लक्ष्य तय किया है। अगर, सरकार अपने इस महत्वाकांक्षी स्कीम को सफल बनाना चाहती है तो बजट में रियल्टी सेक्टर को इंफ्रा का दर्जा, अंडर कंस्ट्रक्शन पर जीएसटी की दर घटाने, होम लोन पर टैक्‍स की छूट सीमा बढ़ाने के साथ सिंगल विंडो सिस्टम स्वीकृति की व्यवस्था करनी होगी। इसके साथ ही प्रोजेक्‍ट लाने के लिए सस्ते दर पर जमीन मुहैया करना होगा। तभी जा कर प्राइवेट डेवलपर्स सरकार के इस मुहीम में अपना पूरा योगदान दे पाएंगे।
Q. बजट में आपकी मांग के अनुरुप घोषणाएं हुई तो अर्थव्‍यवस्‍था को क्‍या फायदा मिलेगा?
A. अगर, बजट में रियलटी सेक्‍टर के मांग के अनुरुप घोषणाएं हुई तो रियल्‍टी सेक्‍टर में तेजी आएगा। इसके चलते आने वाले समय में नए प्रोजेक्‍ट लॉन्च होंगे, जिससे इससे जुड़े सेक्टर में तेजी आएगी। रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे क्‍योंकि रेलवे और कृषि के बाद यह सेक्टर सबसे ज्‍यादा रोजगार मुहैया कराता है।

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