— बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे और उनकी गारंटियों के अलावा राम मंदिर तथा हिंदुत्व पर जोर दे रही है।
— कांग्रेस महंगाई, युवाओं की बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे उठा रही है।
— अभी सभी सीटों पर बीजेपी का कब्जा है
— कुछ सीटों पर बीजेपी लंबे समय से जीतती आ रही है।
— इनमें से अधिकांश सीटों पर जाति का फैक्टर हावी है।
बीजेपी के प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने कांग्रेस के यादवेंद्र यादव चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर अब तक के 19 चुनाव में 11 चुनाव सिंधिया परिवार जीता पर 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव हार गए थे। बाद में वे बीजेपी में आए। यहां यादव वोट निर्णायक हैं।
राजगढ़ सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह हैं जोकि भावनात्मक लाभ लेने के लिए इसे अपना अंतिम चुनाव बता चुके हैं। राजगढ़ से वे पहले दो बार सांसद रह चुके हैं। बीजेपी प्रत्याशी दो बार के सांसद रोडमल नागर हैं। यहां बीजेपी कांग्रेस में कांटे की टक्कर बताई जा रही है।
बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री और पांच बार के सांसद शिवराज सिंह चौहान के सामने कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रतापभानु शर्मा चुनाव मैदान में हैं। शिवराज सिंह और प्रतापभानु शर्मा गांव गांव घूमकर प्रचार कर रहे हैं।
पूर्व महापौर आलोक शर्मा बीजेपी के उम्मीदवार हैं जबकि कांग्रेस ने अरुण श्रीवास्तव को अपना प्रत्याशी बनाया है। सीट पर वोटों का ध्रुवीकरण होता रहा है। यहां करीब पांच लाख मुस्लिम वोटर्स, तीन लाख ब्राह्मण और ढाई लाख कायस्थ वोटर्स हैं।
बीजेपी प्रत्याशी पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर के सामने कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू हैं। सत्यपाल की भाभी शोभा सिकरवार ग्वालियर की मेयर हैं और उनके भाई सतीश सिकरवार भी विधायक हैं।
यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां पर बीजेपी की सांसद संध्या राय के सामने कांग्रेस ने विधायक फूलसिंह बरैया को चुनावी मैदान में उतारा है। यहां 30 प्रतिशत से ज्यादा दलित और आदिवासी वोटर्स हैं।
बीजेपी के भारत सिंह कुशवाह और कांग्रेस के प्रवीण पाठक का सीधा मुकाबला है। दोनों ही प्रत्याशी अपना पिछला विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। 2019 में बीजेपी के प्रत्याशी 1,46 लाख वोटों से चुनाव जीते थे। यहां 2007 से बीजेपी लगातार चार लोकसभा चुनाव जीत चुकी है।
यह सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है। बीजेपी प्रत्याशी सांसद दुर्गादास उइके के सामने कांग्रेस ने भी पूर्व प्रत्याशी रामू टेकाम को ही उतारा है।
राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष लता वानखेड़े बीजेपी प्रत्याशी हैं जबकि कांग्रेस ने गुड्डू राजा बुंदेला को चुनावी मैदान में उतारा है। 2019 में बीजेपी प्रत्याशी तीन लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते थे। यह सीट 1996 से भाजपा के पास है।