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Honey Trap Case Bhopal: बड़ी तैयारी में SIT, ‘मानव तस्करी’ फैसले के ‘री-ट्रायल’ में फंस सकते हैं दिग्गज नेता

Honey Trap Case Bhopal- री-ट्रायल के लिए SIT जल्द ही सरकार को भेजेगी प्रस्ताव…पढ़ें रूपेश मिश्रा की रिपोर्ट

भोपालMay 09, 2024 / 12:18 pm

Sanjana Kumar

honey trap case bhopal
बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में एसआइटी मानव तस्करी से जुड़े आरोपियों को बरी करने के कोर्ट के फैसले का री-ट्रायल कराने की तैयारी कर रही है। एसआइटी का तर्क है कि साक्ष्य का पर्याप्त विश्लेषण नहीं किया गया।
इंदौर केस में जब्त डिजिटल साक्ष्य की सुनवाई नहीं होने पर एसआइटी की हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई से पहले ही भोपाल की पल्लवी त्रिवेदी की एडीजे कोर्ट का फैसला आ गया। अब एसआइटी जांच अधिकारी और विधि-विशेषज्ञों से परामर्श कर रही हैं। इसके बाद रीट्रायल प्रस्ताव शासन को भेजेंगे।

इन आधार पर SIT भेजेगी प्रस्ताव

  • मामले में 9 गवाह थे, पर सिर्फ 2 गवाह
  • लड़की और उसके पिता के बयान के आधार पर ही फैसला आ गया।
  • मेल, चैट, सीडीआर का विश्लेषण नहीं किया गया।
  • इंदौर में सील डिजिटल प्रमाण को भोपाल में न्यायिक आधार बता विश्लेषण से मना।

यहां पढ़ेें पूरा मामला

बता दें कि हाल ही में भोपाल कोर्ट ने हनी ट्रैप केस से जुड़े मानव तस्करी के मामले के तीन आरोपियों को बरी किया है। दरअसल पीड़ित महिला ने कोर्ट में तीनों आरोपियों आरती दयाल, श्वेता जैन और अभिषेक सिंह ठाकुर को पहचानने से ही इनकार कर दिया था। इसके बाद आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया।
जबकि मामले में सीआईडी ने एफआईआर दर्ज की जिसमें कहा था कि विजय जैन, श्वेता स्वप्निल, आरती दयाल, अभिषेक ने फरियादी युवती का कई महत्वपूर्ण लोगों से यौन शोषण करवाया। लंबी बहस के बाद मानव तस्करी के आरोपियों को बरी करने के साथ यह केस समाप्त हो गया। वहीं हनी ट्रैप केस की इंदौर कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

कमलनाथ ने देखी थी क्लिप

पूर्व सीएम कमलनाथ ने 21 मई 2021 को प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि हनी ट्रैप केस की सीडी और पेन ड्राइव उनके पास है। कोर्ट में एक आरोपी ने मांग की कि कमलनाथ के पास पेन ड्राइव और सीडी कहां से आई, इसका खुलासा होना चाहिए। इसके बाद कमलनाथ को एसआईटी ने नोटिस जारी कर दिया। बाद में कमलनाथ का नया बयान सामने आया जिसमें बताया कि उन्होंने सिर्फ 29 सेकंड की क्लिप देखी है।

अहम गवाह की पलटने से मिली राहत

मामले में फरियादी ने सभी आरोपियों के खिलाफ बयान देते हुए कहा था कि इन सभी ने मिलकर राजनेताओं से उसका यौन शोषण करवाया है। हालांकि वह कोर्ट में मुकर गई। अहम गवाह के पलट जाने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पल्लवी द्विवेदी ने सभी आरोपियों को दोष मुक्त करार दिया।

इनका कहना है

न्यायालय का निर्णय प्राप्त हो चुका है, उसकी समीक्षा कर रहे हैं। इसके बाद अग्रिम कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।

-आदर्श कटियार, एसआइटी चीफ

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