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बालोद

अक्षय तृतीया पर गुड्डा-गुड़ियों की ज्यादा डिमांड, पचहर बर्तन और ज्वेलरी की खरीदारी करने जुटे लोग

अक्षय तृतीया का पर्व महज तीन दिन शेष रह गया है। 10 मई को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। ऐसे में बाजार में गुड्डा, गुड़िया सहित उनके विवाह व रस्मों में उपयोग की जाने वाली सामग्री की बिक्री शुरू हो गई है। अक्षय तृतीया के दिन गुड्डा-गुड़िया की शादी नन्हें बच्चों द्वारा पूरे रीति रिवाज के साथ कराई जाती है।

बालोदMay 07, 2024 / 11:22 pm

Chandra Kishor Deshmukh

अक्षय तृतीया का पर्व महज तीन दिन शेष रह गया है। 10 मई को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। ऐसे में बाजार में गुड्डा, गुड़िया सहित उनके विवाह व रस्मों में उपयोग की जाने वाली सामग्री की बिक्री शुरू हो गई है। अक्षय तृतीया के दिन गुड्डा-गुड़िया की शादी नन्हें बच्चों द्वारा पूरे रीति रिवाज के साथ कराई जाती है।

Akshay Tritiya अक्षय तृतीया का पर्व महज तीन दिन शेष रह गया है। 10 मई को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। ऐसे में बाजार में गुड्डा, गुड़िया सहित उनके विवाह व रस्मों में उपयोग की जाने वाली सामग्री की बिक्री शुरू हो गई है। अक्षय तृतीया के दिन गुड्डा-गुड़िया की शादी नन्हें बच्चों द्वारा पूरे रीति रिवाज के साथ कराई जाती है। वहीं साल भर में सबसे ज्यादा विवाह इसी दिन होते हैं। अक्षय तृतीया के दिन को शुभ माना जाता है। ऐसे में इस दिन मुहूर्त हो या न हो लेकिन सबसे ज्यादा शादी इसी दिन होती है। इस अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहर में भी बड़ी संख्या में विवाह होंगे। इसके चलते छत्तीसगढ़ी रस्मों-रिवाज से होने वाली शादियों में रेडिमेड बांस से बने सूपा, पर्स, टोकनी, तोरण, कटार, रंग-बिरंगी पंखे, सितारों से बने मोर-मुकुट के अलावा पूजन सामग्री और दूल्हा-दुल्हन के लिए कपड़े का बाजार सज चुका है।

अक्षय तृतीया पर होगी सैकड़ों शादी

अक्षय तृतीया के दिन जिले भर में सैकड़ों शादियां होंगी। लोग शादी की खरीदारी करने परिवार समेत ब्लॉक मुख्यालयों से लेकर जिला मुख्यालय तक पहुंच रहे हैं। अक्षय तृतीया को लेकर सराफा, बर्तन और रेडीमेड कपड़ों की बिक्री में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों से लोग बड़ी संख्या में खरीदारी करने पहुंचने लगे हैं। अक्षय तृतीया में ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ शहर में बड़ी संख्या में शादियां होती हैं।

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विवाह को लेकर इन दिनों बर्तन बाजार में भी भीड़ देखने को मिल रही है। छत्तीसगढ़ में होने वाले अधिकांश शादी समारोह परंपरागत होते हैं, जिसमें वधु पक्ष के अधिकतर लोग अलग-अलग तरह के बर्तन सेट लेना अधिक पसंद करते हैं। गांव से पहुंचने वाले अधिकतर लोग पानी भरने के लिए स्टील, तांबे व पीतल के बर्तन अधिक खरीद रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर लोग विवाह में बर्तन भेंट करते हैं। तेज धूप को देखते हुए लोग शादी की खरीदारी सुबह व शाम के समय कर रहे हैं। दोपहर को कम ही लोग बाजार में नजर आ रहे हैं।

हल्के वजन की ज्वेलरी बनी पहली पसंद

अक्षय तृतीया को लेकर सराफा बाजार में भी इन दिनों भीड़ है। सराफा व्यापारियों का कहना है कि सोने का दाम अधिक होने से भारी वजनी ज्वेलरी के बजाय हल्की वजन की ज्वेलरी पहली पसंद बनी हुई है। इसके अलावा चांदी की बिछिया, चंपक, कान के झुमके, बाजूबंद, कमरबंद, चांदी के सिक्के की मांग अधिक है। आर्टिफिशियल ज्वेलरी की तरफ भी महिलाओं का रुझान इस वर्ष अधिक है। इस समय ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहक अधिक आ रहे हैं।

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