पुराना कटला जगन्नाथ मंदिर के महंत पंडित देवेंद्र शर्मा ने बताया कि सर्दियों में ठाकुरजी को नाश्ते में गर्म दूध दिया जाता है लेकिन अब गर्मी है इसलिए ठंडा दूध, लस्सी, ठंडाई, सत्तू का भोग नाश्ते में लगाया जा रहा है। ठाकुर जी को गर्मी ना लगे इसलिए एसी लगाया है। सूती वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। दोपहर में भोजन में हल्का भोजन व सलाद दिया जाता है। शाम को आरती के बाद रबड़ी, बर्फ का भोग लगाया जा रहा है।एसी में सो रहे हैं भगवानइधर. काला कुआं वेंकटेश बालाजी धाम में भी भगवान की दिनचर्या बदल गई है। स्वामी सुदर्शनाचार्य ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में कूलर और एसी लगाया गया है। शाम को आरती के बाद फलों का भोग लगाया जाता है। इसमें ककड़ी, खीरा, संतरा और खरबूजे का भोग लगाया जाता है। तरबूज में रंग दोष होने के कारण भगवान को भोग नहीं लगाया जाता। ठंडाई में काजू, बादाम व काली मिर्च पीसकर डाली जाती है। प्रभु को भोग लगा करके प्रसाद वितरित किया जाता है।मौसमी फलों का लग रहा है भोग
रेलवे स्टेशन के समीप सार्वजनिक गौ शाला में गो धाम मंदिर में भी गर्मी के चलते आरती के समय में बदलाव किया है। मंदिर संचालक अजय अग्रवाल ने बताया कि गर्मी में मंदिर के पट जल्दी खुल जाते हैं और देर तक बंद किए जाते हैं। भगवान को खीर का भोग नियमित लगता है। आरती के बाद सुबह लस्सी, ठंडाई, छाछ का तथा शाम को मौसमी फल ककड़ी, आम, अंगूर आदि का भोग लगाया जाता है। पूजा भी सुबह और शाम को जल्दी हो जाती है।त्रिपोलिया मंदिर के महंत जितेंद्र खेडापति ने बताया कि भगवान को गर्मी ना लगे, इसलिए इत्र लगाया जा रहा है। मौसमी फूलों का श्रृंगार किया जा रहा है। अभिषेक के बाद सूती वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। गर्मी में गरिष्ठ भोजन की बजाय हल्का भोजन ही प्रसाद में दिया जा रहा है।