गर्मी की दस्तक, मटकों के साथ डिजाइनर मटके-कैंपर की डिमांड
ये आइटम टेराकोटा, बालू और चिकनी मिट्टी से बने है। हरियाणा, गुजरात से भी मटके मंगवाए है। इन पर पर फूल, पत्ती की डिजाइन लोगों को पसंद आ रही है। मटके, सुराही का पानी पीने से पाचन शक्ति भी अच्छी रहती है।
अलवर. गर्मी का असर तेज होने लगा है। इसके साथ ही देसी फ्रिज यानि मटके की डिमांड बढ़ गई है। भले ही हर घर में फ्रिज हो, लेकिन मटके का पानी आज भी लोगों की पहली पसंद है। डिमांड को बढ़ा देख शहर में बर्तनों की दुकानें सज गई हैं।मटके के साथ मिट्टी के कैम्पर और सुराही भी लोगों की पसंद बनी हुई है। शहर के अम्बेडकर चौराहा, भवानी तोप, काशीराम चौराहा, अग्रसेन चौराहा के आसपास मटकों, मिट्टी की बोतल, सुराही की बिक्री परवान पर है। अम्बेडकर चौराहे पर मटके की दुकान लगाने वाले दिल्ली दरवाजा निवासी अनुज ने बताया कि डोरेमोन, बोतल, जग और कैंपर की नई वैरायटी पसंद की जा रही है। ये आइटम टेराकोटा, बालू और चिकनी मिट्टी से बने है। हरियाणा, गुजरात से भी मटके मंगवाए है। इन पर पर फूल, पत्ती की डिजाइन लोगों को पसंद आ रही है। मटके, सुराही का पानी पीने से पाचन शक्ति भी अच्छी रहती है।
बाजार में अलग-अलग डिजाइन के मटके मटकों का रेट उनके डिजाइन के हिसाब से रखा जाता है। डिजाइन के 5 लीटर वाले कैंपर 250 रुपए से शुरू हैं। इसके अलावा रंगीन और आकर्षक डिजाइन वाले मिट्टी के बर्तनों के दाम अलग-अलग हैं। मिट्टी से बने कैंपर की जैसे ही गर्मी बढ़ी तो डिमांड भी बढ़ गई है। तापमान बढऩे से इस सीजन में मटका 80 से 100 रुपए तक का बेच रहे हैं। वहीं मिट्टी के आकर्षक कैंपर भी तैयार किए जा रहे हैं। इस बार ज्यादातर लोग टोटी लगे घड़े की मांग कर रहे हैं। इनकी कीमत सामान्य मटके से अधिक होती है।
Home / Alwar / गर्मी की दस्तक, मटकों के साथ डिजाइनर मटके-कैंपर की डिमांड