गुजरात एटीएस, एनसीबी, इंडियन कोस्ट गार्ड ने समंदर से जब्त की 600 करोड़ की हेरोइन, 14 पाकिस्तानी को पकड़ा
गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और इंडियन कोस्ट गार्ड की टीमों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए बीच समंदर से 600 करोड़ से ज्यादा की हेरोइन जब्त की है। 14 पाकिस्तानी मछुआरों को पकड़ा है।
समंदर में ड्रग्स के साथ पकड़े गए पाकिस्तानी मछुआरे।
गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की टीम ने इंडियन कोस्ट गार्ड, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के साथ मिलकर पोरबंदर से 180 नॉटिकल मील दूर इंटरनेशनल मैरीटाइम बॉर्डर लाइन (आईएमबीएल) के पास भारतीय समुद्री सीमा में कार्रवाई करते हुए 602 करोड़ रुपए की 86 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है। पाकिस्तान की फिशिंग बोट अल-रजा को जब्त करते हुए 14 मछुआरों को पकड़ा है। ये सभी पाकिस्तान के बलूचिस्तान के रहने वाले हैं। ज्यादातर लस्बेल्ला के निवासी है।
गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विकास सहाय ने बताया कि एटीएस के पुलिस अधीक्षक के के पटेल को 21 अप्रेल को पुख्ता सूचना मिली थी कि पाकिस्तानी ड्रग्स माफिया हाजी अस्लम उर्फ बाबू बलोच ने कराची बंदरगाह से एक बोट में ड्रग्स का कंसाइनमेंट भारतीय समुद्री सीमा की ओर भेजा है। यह कंसाइनमेंट बीच समंदर में तमिलनाडु की किसी बोट में ट्रांसफर किया जाएगा। वहां से श्रीलका भेजा जाएगा। इस पुख्ता सूचना के आधार पर एटीएस ने इंडियन कोस्ट गार्ड तथा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम के साथ मिलकर एक संयुक्त ऑपरेशन किया। जिसके तहत एक टीम को कोस्ट गार्ड के जहाज राजरतन से पोरबंदर से 180 नॉटिकल मील दूर समंदर में भेजा गया। टीम ने समंदर में तीन-चार दिन तक नजर रखी। 25 अप्रेल की रात को शंकास्पद बोट अल-रजा को चिन्हित किया और उसे घेर लिया और कार्रवाई की।
कोस्ट गार्ड को करनी पड़ी फायरिंग, एक मछुआरा जख्मी
पाकिस्तान की बोट में सवार मछुआरों ने बोट में से कुछ पैकेट समंदर में फेंकने शुरू कर दिए और अपनी बोट को कोस्टगार्ड की एक अन्य छोटी बोट में सवार जवानों पर चढ़ाने की कोशिश की, जिससे कोस्ट गार्ड को फायरिंग करनी पड़ी। फायरिंग में नासिरहुसैन (62) नाम के बोट के मछुआरों के मुखिया को हाथ में गोली लगी। उसे एक अन्य बोट से बंदरगाह लाया गया और जामनगर के जीजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह खतरे से बाहर है। अन्य मछुआरों ने समर्पण कर दिया, जिससे बोट से कुल 14 मछुआरों को पकड़ा है। तलाशी के दौरान बोट से 86 किलोग्राम हेरोइन के 78 पैकेट बरामद किए हैं। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 602 करोड़ है।
श्रीलंका ले जाई जानी थी ड्रग्स
डीजीपी विकास सहाय ने बताया कि यह गर्व की बात है कि भारत के अंदर ही नहीं भारतीय जल सीमा से होकर अन्य देश श्रीलंका में ले जाई जा रही ड्रग्स को भी एटीएस ने पकड़ने में सफलता पाई है। क्योंकि एटीएस की टीम काफी मजबूत हुई है, उसने ऐसी क्षमता विकसित कर ली है। जिससे ड्रग्स तमिलनाडु के बोट पर लादी जाए और श्रीलंका पहुंचे उससे पहले ही उसे जब्त कर लिया। अमूमन ड्रग्स को लेने वाले व्यक्ति का पता चलने पर कार्रवाई होती है यहां तो कंसाइनमेंट लेने वाला कोई नहीं था। भारतीय समुद्री सीमा का ही उपयोग हो रहा था, फिर भी एटीएस, एनसीबी और इंडियन कोस्ट गार्ड के बेहतर समन्वय से यह कार्रवाई संभव हुई।
एनसीबी करेगी जांच
डीजीपी सहाय ने बताया कि इस मामले की जांच एनसीबी की ओर से की जाएगी। आरोपियों को पकड़ने के बाद पोरबंदर बंदरगाह पर लाया गया है। जहां प्रक्रिया करने के बाद इनकी हिरासत और जब्त हेरोइन एनसीपी को सौंप दी जाएगी।
ये आरोपी पकड़े गए
1-नासिर हुसैन आजम खान (62) 2-मो.सिद्दिक अहमद भट्टी (65)3-अमीर हुसैन गुलाम (42) 4-सलल गुलाम नबी (22)5-अमन गलाम नबी (19) 6-बघल खान अमीर के (33)7-अब्दुल राशिद झबरी (46)
8-लाल बख्स अली मुराद (50)9-चाकरखान (18) 10-कादिर बख्श अली मुराद (40)11-अब्दुल समाद हुसैन (40) 12-एम.हकीम मोसा (25)13-नूर मोहम्मद अर्फ ननोरो अछो (62) 14-मो.खान हुसैन (56)
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